'स्टेच्यू ऑफ यूनिटी' यानी दुनियां कि सबसे बड़ी मूर्ति के तौर पर घोषित की गयी सरदार पटेल की प्रस्तावित मूर्ति की आधारशिला गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रख दी है.
याद करें, एक अरसा पहले उत्तरप्रदेश की तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती के कार्यकाल में महापुरुषों की मूर्तियां स्थापित करने को लेकर मीडिया की भूमिका किस हद तक आलोचना से भरी थी, टीवी स्टूडियो में प्रतिष्ठित विशेषज्ञों की कभी न खत्म होने वाली अनगिनत बहसों में लब्बोलुआब यही रहता था कि मायावती इतना पैसा इन मूर्तियों में खर्च करने की बजाय अगर स्कूलों और अस्पतालों के निर्माण में लगातीं तो प्रदेश का कल्याण होता . जनता का पैसा सही ठिकाने लगता.
फिर आज एक मुख्यमंत्री की राजनैतिक तरक्की के लिए इतने बड़े पैमाने पर खर्च हो रहे पैसे पर मीडिया चुप क्यों है?
मायावती की कई दिनों तक टांग खींचने वाला मीडिया इसमें पैसे कि बर्बादी देख रहा था. और तब यही मीडिया सरकार को पैसा जनहित में खर्च करने की तमाम योजनाएं सुझा रहा था,
यह प्रस्तावित मूर्ति अमेरिका स्थित 'स्टेच्यू ऑफ लिबर्टी' से दुगुनी होगी और रूस के रियो-डी-जेनेरियो स्थित ईसा की मूर्ति से चार गुना लंबी होगी .
याद करें, एक अरसा पहले उत्तरप्रदेश की तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती के कार्यकाल में महापुरुषों की मूर्तियां स्थापित करने को लेकर मीडिया की भूमिका किस हद तक आलोचना से भरी थी, टीवी स्टूडियो में प्रतिष्ठित विशेषज्ञों की कभी न खत्म होने वाली अनगिनत बहसों में लब्बोलुआब यही रहता था कि मायावती इतना पैसा इन मूर्तियों में खर्च करने की बजाय अगर स्कूलों और अस्पतालों के निर्माण में लगातीं तो प्रदेश का कल्याण होता . जनता का पैसा सही ठिकाने लगता.
फिर आज एक मुख्यमंत्री की राजनैतिक तरक्की के लिए इतने बड़े पैमाने पर खर्च हो रहे पैसे पर मीडिया चुप क्यों है?
मायावती की कई दिनों तक टांग खींचने वाला मीडिया इसमें पैसे कि बर्बादी देख रहा था. और तब यही मीडिया सरकार को पैसा जनहित में खर्च करने की तमाम योजनाएं सुझा रहा था,
यह प्रस्तावित मूर्ति अमेरिका स्थित 'स्टेच्यू ऑफ लिबर्टी' से दुगुनी होगी और रूस के रियो-डी-जेनेरियो स्थित ईसा की मूर्ति से चार गुना लंबी होगी .