सफ़र
जो लफ्ज़ जुबां से कह ना पाए वो कागजों में बह गए..
भोर के सपने
कहते हैं कि अलख सुबह देखे गए सपने सच्चे होते हैं, इसलिए मैं रोज सुबह एक सपने को जन्म देता हूँ. इस यकीन के साथ कि एक दिन जरूर हकीकत बनेगा.
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