शुक्रवार, 6 मई 2016

सात साल की बच्ची ने बदल दी हैंड राइटिंग की परिभाषा

'बिना हाथों के बनी हैंड राइटिंग चैम्पियन'



अक्सर कहा जाता है कि किस्मत हाथों में लिखी नहीं होती, बल्कि हाथों से लिखी जाती है.

लेकिन उसने तो बिना हाथों के ही किस्मत लिख ली है. महज सात साल की इस बच्ची ने हैंड राइटिंग की परिभाषा बदल दी है. शब्द निर्माताओं को इस शब्द से हैंड हटाकर सिर्फ़ राइटिंग करने के लिए सोचने पर मजबूर कर दिया है. हैंड राइटिंग के लिए अब हाथ हों न हों जुनून होना चाहिए.











































अमेरिका के वर्जीनिया की अनाया एलिक महज सात साल की हैं और अभी पहली कक्षा में पढ़ती हैं. अनाया के जन्म से ही हाथ नहीं हैं. लेकिन अनाया ने प्रकृति के इस अवरोध को भी धता बताकर हैंड राइटिंग में ही शीर्ष स्थान हासिल किया हैअनाया नेशनल हैंड राइटिंग प्रतियोगिता में चैम्पियन बनी है. इस प्रतियोगिता में अनाया ने पचास बच्चों में प्रथम स्थान प्राप्त किया.



अनाया एलिक के जन्म से ही हाथ नहीं हैं. अनाया लिखने के लिए अपने दोनों बांहों के बीच में पेन्सिल को दबाकर डेस्क पर खड़ी हो जाती है ताकि लिखने के लिए सही एंगिल बन सके.

अनाया वर्जीनिया के ग्रीनब्रायर क्रिश्चियन एकेडमी में पहली कक्षा में पढ़ने वाली छात्रा है. इस बच्ची ने राष्ट्रीय हैंडराइटिंग प्रतियोगिता जीतकर सामान्य बच्चों को भी बड़ी सीख दी है. स्कूल में अक्सर बच्चों को हैंड राइटिंग को लेकर डाट पडती रहती है, उन्हें हाथ पकड़ पकड़ कर अच्छे और स्पष्ट शब्दों में लिखना सिखाया जाता है, लेकिन सात साल की अनाया ने बिना हाथों के इस प्रतियोगिता में भाग लिया और फतह हासिल की. अनाया की हैंड राइटिंग को देखकर ही स्कूल की प्रिंसिपल ने उन्हें प्रतियोगिता में शामिल कराने का निर्णय लिया था.

उसकी प्रिंसिपल ट्रेसी कॉक्स कहती हैं कि "अनाया बहुत मेहनती बच्ची है और अपनी क्लास में सबसे अच्छी हैंड राइटिंग के लिए उसने कड़ी मेहनत की है. अनाया हमारे स्कूल में सबके लिए प्रेरणा स्रोत है.”
अनाया की मां बताती हैं कि "वो बिना हाथों के न सिर्फ़ लिख सकती है बल्कि खुद तैयार हो सकती है और जूते के फीते से लेकर बाल भी बांध सकती है. उसे हाथों से होने वाले इन सब कामों के लिए किसी और की सहायता की जरूरत नहीं पडती.”
अमेरिका के ओहियो राज्य में होने वाली इस प्रतियोगिता को एक शैक्षिक-बिजनेस कंपनी 'जेनर ब्लोजर' पिछले पच्चीस सालों से करा रही है. जिसके माध्यम से स्पष्ट हैंड राइटिंग को प्रोत्साहन मिलता है. इस अवार्ड के अंतर्गत अनाया को एक हज़ार डॉलर और ट्रॉफी प्रदान की गयी.





मुश्किल हालातों के बारे में शिकायत करना आसान है लेकिन आप इस छोटी बच्ची को देखिए जिसके पास बहाना नहीं कठिन परिश्रम है. प्रिंसिपल कॉक्स कहती हैं कि "जीवन कठिन है और हम कई बार असंभव चुनौतियाँ का सामना करते हैं. लेकिन अगर आप वास्तव में दृढ निश्चय के साथ खुद को झौंक देते हैं तो क्या हो सकता है ये अनाया ने कर दिखाया है.”


सोचिये हम हाथों में किस्मत ढूंढते हैं और अनाया बिना हाथों के ही किस्मत की चैम्पियन है.

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