सिद्धार्थ नगर में आई एल ए के मॉड्यूल 21 तक 15 परियोजनाओं के 121 बी आर जी सदस्यों का प्रशिक्षण सम्पन्न हो गया हैं। जिनका प्रशिक्षण निदेशालय के निर्देशानुसार 15 दिवस के अंतराल पर एक मॉड्यूल का प्रशिक्षण आयोजित कराया गया। हर मॉड्यूल के पहले प्री-टेस्ट और अंत मे पोस्ट-टेस्ट आयोजित किया गया जिसमें नब्बे फीसदी बी आर जी सदस्य उत्तीर्ण हुए।
सहयोगी विभागों के सदस्यों की भागीदारी-ः शुरुआत में अन्य विभागों से बी आर जी मे शामिल सदस्यों की प्रशिक्षण के दौरान प्रतिभागिता में कमी देखी गयी जिसके लिए योजना बनाकर कन्वर्जेंस के जरिए सहयोगी विभागों जैसे स्वास्थ्य और शिक्षा विभाग से बी आर जी मे शामिल सदस्यों को सक्रिय भागीदार बनाया गया। जिला स्तरीय एवं ब्लॉक स्तरीय कन्वर्जेंस की बैठकों में आई एल ए मॉड्यूलों का महत्त्व और संक्षिप्त परिचय प्रस्तुत किया गया।
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सहयोगी विभागों के सदस्यों की भागीदारी-ः शुरुआत में अन्य विभागों से बी आर जी मे शामिल सदस्यों की प्रशिक्षण के दौरान प्रतिभागिता में कमी देखी गयी जिसके लिए योजना बनाकर कन्वर्जेंस के जरिए सहयोगी विभागों जैसे स्वास्थ्य और शिक्षा विभाग से बी आर जी मे शामिल सदस्यों को सक्रिय भागीदार बनाया गया। जिला स्तरीय एवं ब्लॉक स्तरीय कन्वर्जेंस की बैठकों में आई एल ए मॉड्यूलों का महत्त्व और संक्षिप्त परिचय प्रस्तुत किया गया।
दोतरफा संवाद एवं सक्रिय भागीदारी -ः बी आर जी प्रशिक्षण के दौरान आई एल ए के मोड्यूलों की विषय सामग्री के साथ-साथ प्रशिक्षुओं की प्रशिक्षण क्षमता वर्धन पर ज्यादा ध्यान दिया गया। मॉड्यूल प्रशिक्षण में प्रशिक्षु सदस्यों से रोल प्ले और मॉड्यूल प्रस्तुतिकरण करवा कर उन्हें फीडबैक दिए गए।
डी आर जी सदस्य स्वस्थ भारत प्रेरक विनय कुमार ने प्रेरक गीतों के जरिए प्रशिक्षण ले रहे सदस्यों को रचनात्मक रूप से सक्रिय रखने और प्रेरित करने की कोशिश की।
ऐसी ही एक वीडियो का लिंक :-
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सेक्टर स्तरीय प्रशिक्षण- सिद्धार्थ नगर में 15 परियोजनाओं के सभी 87 सेक्टरों में सेक्टर स्तरीय प्रशिक्षण मॉड्यूल 20 तक सम्पन्न हो चुका है। जिले में कुल 3112 आंगनवाड़ी केंद्र हैं जिनमें 2714 आंगनवाडी कार्यकर्ता कार्यरत हैं। उनमें से 2671 आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने सेक्टर स्तरीय प्रशिक्षण में प्रतिभाग किया, जो कि कुल आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का 98.41 फीसदी है।
सेक्टर स्तरीय प्रशिक्षणों का डी आर जी के सदस्यों द्वारा सेक्टर स्तरीय प्रशिक्षण में प्रतिभाग किया गया जिससे कि प्रशिक्षण दे रहे बी आर जी सदस्यों के उत्साह वर्धन और प्रशिक्षण की गुणवत्ता सुनिश्चित की गई।
बी आर जी प्रशिक्षण के दौरान सेक्टर स्तरीय प्रशिक्षण पर जोर दिया गया, क्योंकि अंततः आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को ही मोड्यूलों की विषय सामग्री लाभार्थियों तक पहुंचानी है, लिहाजा यदि उन्हें बेहतर तरीके से प्रशिक्षित किया जाए तो आई एल ए के क्रियान्वयन का उद्देश्य पूर्ण रूप से सफल होगा। इसके लिए ये भी सुनिश्चित किया गया कि प्रत्येक सेक्टर स्तरीय प्रशिक्षण में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को ’टेक अवे’ प्रदान किए जाएं।