शुक्रवार, 4 दिसंबर 2015

सोशल मीडिया पर मदद

चैन्नई भारी बाढ़ की चपेट में है, वहाँ का जनजीवन अस्त-व्यस्त है. लोग घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं जिससे उनकी रोजमर्रा की जरूरतें भी पूरी नहीं हो पा रही हैं. लेकिन इस दौरान सोशल मीडिया की उभरी सकारात्मक भूमिका से बेहतर भविष्य की उम्मीद की जा सकती है. जिस तरह से लोगों ने सोशल मीडिया पर मदद के लिए अभियान चलाया, उससे मानवता की एक और मिशाल देखी जा सकती है. अक्सर आभासी दुनियाँ के लोगों पर समाज से अलग होते जाने का आरोप लगता रहता है. मगर जिस तरह से इस घटना पर लोगों ने तत्परता दिखाई और मदद के लिए सामान सहित खाना, टेक्सी/नाव और इमरजेंसी के दौरान किसी भी मदद के लिए मोबाइल नंबर तक जारी कर दिए, उससे इस पीढ़ी की संवेदनशीलता पर उम्मीदें की जा सकती हैं. ट्विटर पर चैन्नई से बाहर रह रहे लोगों ने वहाँ रह रहे अपने परिजनों के लिए लोगों से संभव मदद गुहार लगाई. कई कंपनियों ने भी फ्री मोबाइल रीचार्ज, फ्री नाव सेवा और मुफ्त भोजन सहित जरुरत की चीजों की फ्री होम डिलीवरी शुरू कर दी है. यही देश की पहचान है, जब अपनों पर मुसीबत हो तो हरसंभव मदद दी जाये. फिर वो चाहे सामाजिक हो या सोशल मीडिया से.



यह लेख जनसत्ता में प्रकाशित हो चुका है.

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