शुक्रवार, 11 मार्च 2016

मेरे भाई को बन्दूक देकर निशाना मेरे सीने पर लगा रही है सरकार

संसद में गृह राज्यमंत्री ने एक सवाल का जबाब देते हुए बताया कि हाल मे पाकिस्तान की घुसपैठ बढ़ी है और पिछले तीन साल में 46 पाकिस्तानी एजेंट गिरफ्तार किये गए हैं. उधर जम्मू की सीमा पर सेना ने तीस मीटर लंबी सुरंग खोजी है. यह पहली सुरंग नहीं है पिछले कुछ सालों में यह चौथी सुरंग सामने आई है. लगातार हमलों और घुसपैठी फायरिंग में जवान शहीद होते जा रहे हैं और सरकार हमारे साथ मिलकर उनकी शहादत का महज शोक मना रही है. सीमा पर मरते जवानों पर हमलों के कारकों पर ध्यान देना होगा. एक तरफ सरकार वार्ता का माहौल बनाने में लगी रहेगी और दूसरी तरफ हमारे सैनिक जीवन से हारते रहेंगे. सरकार जबाबी कार्रवाई करनी होगी ताकि हम अपने भाइयों को साजिश से बचा सकें.
सरकार हाल के दिनों में देशद्रोह की आवाजों को दबाने के लिए सैनिकों की शहादत की गाथाएं गा रही है. बल्कि चाहिए तो ये कि उनके अमूल्य जीवन को बचाने के लिए प्रयास करे. सरकार देश में उनकी शहादत को न समझने वालों पर तो सख्त है जबकि उन्हें मारने वालों के लिए कोई रणनीति नहीं बना रही. हम शहीदों का सम्मान करते हैं पर उससे भी ज्यादा सम्मान हम जीवित जवानों का करते हैं. हमें उनकी शहादत से ज्यादा उनकी मुस्तैद पहरेदारी पर गर्व होता है. सरकार उनकी शहादत पर राजनीती करने की बजाय उनकी जान लेने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाए. महज बातचीत से काम नहीं चलेगा. अब हम उनकी शहादत पर आँसू बहाने की बजाय सवाल करेंगे कि उनकी जान की रक्षा क्यों नहीं की जा रही है. वे क्यों बेमौत मारे जा रहे हैं? जिनके सामने अभी सुनहरा भविष्य पड़ा है उन्हें शहीद क्यों बनाया जा रहा है?

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