मंगलवार, 8 मार्च 2016

गूंजती आवाजें

आयोजन उस ऊँचाई पर था जहाँ से देश का सबसे ऊंचा झंडा बैकग्राउंड में लहराता साफ़ दिख रहा था. और उस झंडे के आगे दुनिया बदलती भारतीय महिलाओं की हकीकत कहानियाँ बन कर गूँज रही थीं...
कहानी चांदनी की जिसकी खबर किसी ने नहीं ली तो उसने ऐसी ठानी कि तब तक लडती रही जब तक दुनियाँ के अनोखे अखबार 'बालक नामा' अखबार की संपादक नहीं बन गयी और आज सपने पाल रही है अपने जैसों के सपने हकीकत में बदलने के लिए...

रिया शर्मा कहाँ तो अमेरिका में अपने फैशन के पैशन को उड़ान दे रही थी लेकिन कैसे भारत में ऐसिड पीड़ितों की मुहब्बत में जीवन लगाने का फैसला कर लिया और स्थापित किया‪#‎MakeLoveNotScare‬.
कहानी इलाहाबाद की रेशमा की जिसके जीजा ने तेजाब से चेहरा इतना बर्बर बना दिया कि आईने में देखने से बेहतर आत्महत्या का विकल्प लगने लगा. लेकिन आज कैसे देश में ऐसिड बैन के खिलाफ जंग छेड़े है. हाँ वही रेशमा जो आजकल चर्चित वीडियोज में ब्यूटी टिप्स बताती है और अंत में ऐसिड टिप से हैरत में डाल देती है...

रंगों की सौदागर नीति जैन के सपनों को कैनवास पर जब पिता ने रंग नहीं भरने दिए तो उसने अपने पैरों पर खड़े होकर अपने जैसे दूसरों के सपनों को रंगने के लिए बना लिया 'रंगरेज'..
और आखिरी कहानी कभी कैंसर से जूझती भोपाल की कनिका की जिसे हाल ही में फ़ोर्ब्स ने एशिया के उभरते तीस उद्यमियों की श्रेणी में नामित किया है....
तिरंगा हर हकीकत का गवाह बनकर ‪#‎जोश‬ में लहराता रहा. गर्व था तीनों रंगों को दुनियाँ रचती इन बेबाक जुनूनी रचनाओं पर.... महिला दिवस की शुभकामनाएँ.! 
 


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